रमा एकादशी | रम्भा एकादशी
(24 अक्टूबर 2019)
तिथि आरम्भ : 23 अक्टूबर रात्रि 01:09 पर
तिथि समाप्त : 24 अक्टूबर रात्रि 10:19 पर
पारण का समय : 25 अक्टूबर को दोपहर 06:28 से 08:43
पारण का समय : 25 अक्टूबर को दोपहर 06:28 से 08:43
महत्व :
कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को रमा एवं रम्भा एकादशी के नामो से जाना जाता है। रमा, लक्ष्मी जी का ही नाम है इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की साथ पूजा की जाती है और भगवान विष्णु को मुख्य रूप से तुलसी की पत्ती चढ़ाई जाती है।यह व्रत सुख समृद्धि देता है और सारे पाप नाश करता है।अगले दिन गोवत्स द्वादशी भी है इस दिन विशेष रूप से गाय एवं बछड़े को पूजने का विधान है।
विधि :
इस दिन भगवान् विष्णु एवं लक्ष्मी जी का सम्पूर्ण वस्तुओ से पूजन , नैवेद्य एवं आरती करें , प्रसाद वितरण करे , ब्राह्मण को भोजन कराये तथा दक्षिणा दें। दिन भर के व्रत के बाद राति में कृष्ण भजन कीर्तन करें। जो लोग उपवास नहीं रखते वो भी इस दिन सात्विक भोजन ही करें एवं विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
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