दशहरा | विजयादशमी
(8 अक्टूबर 2019)
तिथि आरम्भ : 7 अक्टू. दोपहर 12:38 पर तिथि समाप्त : 8 अक्टू. दोपहर 2:50 पर
विजय मुहूर्त : 8 अक्टू. दोपहर 2:06 से 2:52
अपराह्न पूजन समय : 8 अक्टू. दोपहर1:19 से 3:39
दशहरा या विजयादशमी का त्यौहार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाते हैं ,यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।माँ भगवती के विजया नाम पर इसे विजया दशमी कहते हैं। माँ दुर्गा के भक्त भगवान राम ने पहले 9 दिन तक दुर्गा पूजन किया फिर 10वे दिन रावण का वध किया।माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध भी इसी दिन हुआ था।इस दिन शस्त्र पूजन भी किया जाता है।
ऐसा मानते हैं की अश्विम शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय विजय नामक काल होता है। यह काल सर्व कार्य सिद्धि दायक होता है।
बंगाल में यह पर्व दुर्गा पूजा के नाम से बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। देश में जगह जगह कुछ दिन पहले से राम लीलाये शुरू हो जाती हैं और इस दिन सूर्यास्त के बाद रावण का पुतला फूका जाता है।
क्षत्रियों का यह बहुत बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन ब्राह्मण सरस्वती पूजन, क्षत्रिय शस्त्र पूजन और वैश्य वही पूजन करते हैं। इस दिन अपने शत्रु का पुतला बनाकर फूकना चाहिए और भगवान् राम एवं माँ भगवती की आराधना करनी चाहिए।
ऐसा मानते हैं की अश्विम शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय विजय नामक काल होता है। यह काल सर्व कार्य सिद्धि दायक होता है।
बंगाल में यह पर्व दुर्गा पूजा के नाम से बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। देश में जगह जगह कुछ दिन पहले से राम लीलाये शुरू हो जाती हैं और इस दिन सूर्यास्त के बाद रावण का पुतला फूका जाता है।
क्षत्रियों का यह बहुत बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन ब्राह्मण सरस्वती पूजन, क्षत्रिय शस्त्र पूजन और वैश्य वही पूजन करते हैं। इस दिन अपने शत्रु का पुतला बनाकर फूकना चाहिए और भगवान् राम एवं माँ भगवती की आराधना करनी चाहिए।
हमारी संस्था के अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श के लिए मोबाइल नंबर +91-8218433649 पर संपर्क करे।