गोपाष्टमी | कार्तिक शुक्ल अष्टमी
(16 नवंबर 2018)

तिथि आरम्भ = 15 नवंबर को सुबह 07:04 बजे
तिथि समाप्त = 16 नवंबर को सुबह 09:40 बजे
तिथि महत्व एवं पूजन विधि:
कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी के नाम से जाना जाता है आज के दिन भगवान् कृष्ण को गाय चराने के लिए प्रथम भेजा गया था। गोपा अष्टमी के दिन गाय तथा बछड़ो को स्नान कराके उनका श्रृंगार किया जाता है तथा उनकी जल , गुड़ , अक्षत , रोली , दीप इत्यादि से पूजा की जाती है। गाय चराने ले जाते हैं तथा गाय को साष्टांग प्रणाम करके उनके चरणों की धुल को अपने मस्तक पर तिलकरूप लगाने का रिवाज है। आज ही के दिन बारिश के प्रकोप से गाँव वालो को परेशान करने वाले इंद्रा देवता ने अपनी हार भगवान कृष्णा के सामने स्वीकारी थी।
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