चैत्र शुक्ल एकादशी | कामदा एकादशी
तिथि आरम्भ: 27 मार्च सुबह 03:44 पर
तिथि समाप्त: 28 मार्च दोपहर 1:32 पर
पारण : 28 मार्च को 6:59 से 8:46
तिथि समाप्त: 28 मार्च दोपहर 1:32 पर
पारण : 28 मार्च को 6:59 से 8:46
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से भी जानते हैं, हिन्दू वर्ष की प्रथम एकादशी तथा नवरात्रो के बाद आने वाली यह एकादशी समस्त कामनाओ की पूर्ती करने वाली होती है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से समस्त पाप नाश हो जाते हैं तथा राक्षस आदि की योनि भी छूट जाती है। संसार में इसके बराबर कोई और दूसरा व्रत नहीं है। इसकी कथा पढ़ने या सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
पूजन विधि :
व्रत के एक दिन पूर्व गेहू तथा मूंग का भोजन करना चाहिए तथा व्रत वाले दिन सुबह स्नानादि कार्य के बाद निवृत होकर भगवान् विष्णु के कृष्ण अवतार को याद करना चाहिए , विशेषकर इस दिन वासुदेव पुत्र कृष्ण भगवान् की पूजा की जाती है रात्रि में कीर्तन करते हैं। इस दिन गरीबो को दान देने का भी अधिक महत्त्व है।
ज्योतिषीय परामर्श के लिए 91-8218433649 पर हमसे संपर्क करे