चैत्र नवरात्र (18 मार्च से 25 मार्च )
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति.महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।।
घट स्थापना मुहूर्त : 18 मार्च को सुबह 6:31 से 7:46 तक
नवरात्र व्रत पारण : 26 मार्च को
घट स्थापना एवं पूजन विधि :
सर्व प्रथम सुबह स्नानादि के बाद स्थापना स्थान को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है तथा बैठ कर प्रथम पूज्य गणेश भगवान् की पूजा करते हैं, तथा सभी देवताओ का आवाह्न किया जाता है। कलश पूजन में पांच प्रकार के पत्तो से कलश सजाते है तथा कलश में हल्दी को गांठ, सुपारी, दूर्वा, मुद्रा इत्यादि रखते हैं। कलश के नीचे बालू की बेदी बना लेते हैं तथा उसमे जौ बोई जाती है जो की धन-धान्य देने वाली माता अन्नपूर्णा की पूजन विधि होती है। इसके बाद माँ दुर्गा की मूर्ती स्थापना करते हैं तथा रोली ,चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण और सुहाग से माता का श्रृंगार करते हैं तथा हवन कुंड को प्रज्ज्वलित करते हैं तथा हवं सामग्री डालते हैं, तथा अखंड ज्योति जलाते है जो व्रत पूर्ण होने तक जलाये रखनी होती है उसके बाद मिठाई फल इत्यादि का भोग लगाते हैं और दुर्गा चालीसा तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ आरम्भ करते हैं। व्रत पूर्ण वाले दिन हलवे पूरी का भोग लगाया तथा उसी से अन्नाहार करते हैं।
प्रथमा तिथि : 18 मार्च
प्रथमा तिथि आरम्भ : 17 मार्च शाम 6:42 पर
प्रथमा तिथि समाप्त : 18 मार्च शाम 6:32 पर

द्वितीया तिथि : 19 मार्च
द्वितीया तिथि आरम्भ : 18 मार्च शाम 6:32 पर
द्वितीया तिथि समाप्त : 19 मार्च शाम 5:53 पर

तृतीया तिथि : 20 मार्च
तृतीया तिथि आरम्भ : 19 मार्च शाम 5:53 पर
तृतीया तिथि समाप्त : 20 मार्च शाम 4:51 पर चतुर्थी तिथि : 21 मार्च
चतुर्थी तिथि आरम्भ : 20 मार्च शाम 4:51 पर
चतुर्थी तिथि समाप्त : 21 मार्च दोपहर 3:29 पर
पंचमी तिथि आरम्भ : 21 मार्च दोपहर 3:29 पर
पंचमी तिथि समाप्त : 22 मार्च दोपहर 1:52 पर
षष्ठी तिथि आरम्भ : 22 मार्च दोपहर 1:52 पर
षष्ठी तिथि समाप्त : 23 मार्च दोपहर 12:03 पर
सप्तमी तिथि आरम्भ :23 मार्च दोपहर 12:03 पर
सप्तमी तिथि समाप्त : 24 मार्च सुबह 10:06 पर अष्टमी तिथि आरम्भ : 24 मार्च सुबह 10:06 पर
अष्टमी तिथि समाप्त : 25 मार्च सुबह 8:03 पर
नवमी तिथि का क्षय है इसलिए नवमी अष्टमी एक ही दिन हैं
नवमी तिथि आरम्भ : 25 मार्च सुबह 8:03 पर
नवमी तिथि समाप्त : 26 मार्च सुबह 5:55 पर
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