खगास चंद्रग्रहण
(8 नवंबर 2022)
भारत के स्थानीय चंद्रोदय से ही इस ग्रहण का आरम्भ माना जायेगा क्यों की भारत में मुख्यतः चंद्रोदय के बाद ही इस ग्रहण की समाप्ति ही देखी जा सकेगी।
ग्रहण काल मे और बाद में क्या करे और क्या ना करे ??
ग्रहण/सूतक से पूर्व दही , अचार , चटनी , इत्यादि लेश्य भोज्य में कुश या तुलसी के पत्ते डाला देने चाहिए। सूखे पदार्थो पर कुश डालने की आवश्यकता नहीं होती है।
कल्याणकारी कार्य:
ग्रहण/सूतक से पूर्व दही , अचार , चटनी , इत्यादि लेश्य भोज्य में कुश या तुलसी के पत्ते डाला देने चाहिए। सूखे पदार्थो पर कुश डालने की आवश्यकता नहीं होती है।
कल्याणकारी कार्य:
ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में दान, जप , स्नान , मन्त्र, स्त्रोत-पाठ , ध्यान इत्यादि करना कल्याणकारी माना जाता है। जिन लोगो को दान करना है वो अपनी राश्यानुसार किसी विद्वान् से दान हेतु वस्तु जैसे अन्न, जल, सफ़ेद वस्त्र, फल, इत्यादि वस्तुओ का संग्रह करके दान संकल्प ग्रहण से पूर्व या पश्चात करके , किरी ब्राह्मण को दान उसी दिन ग्रहण मोक्ष के पश्चात या अगले दिन सुबह करना चाहिए।
वर्जित कार्य:
सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना , अनावश्यक खाना पीना , मैथुन इत्यादि वर्जित है। मूत्र-पुरीषोत्सर्ग , नाख़ून काटना इत्यादि वर्जित है।वृद्ध , बालक, गर्भवती महिलाओ का यथानुकूल भोजन , जल इत्यादि ग्रहण करने में कोई दोष नहीं लगता। गर्भवती महिलाओ को इस काल में सब्जी काटना एवं सेकने वाले कार्य से परहेज करना चाहिए। आज के दिन तीर्थ स्थानों पर स्नान का विशेष महत्त्व होता है।
अलग अलग १२ राशियों पर इसके अलग अलग असर होंगे जो कि निम्नलिखित हैं
वर्जित कार्य:
सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना , अनावश्यक खाना पीना , मैथुन इत्यादि वर्जित है। मूत्र-पुरीषोत्सर्ग , नाख़ून काटना इत्यादि वर्जित है।वृद्ध , बालक, गर्भवती महिलाओ का यथानुकूल भोजन , जल इत्यादि ग्रहण करने में कोई दोष नहीं लगता। गर्भवती महिलाओ को इस काल में सब्जी काटना एवं सेकने वाले कार्य से परहेज करना चाहिए। आज के दिन तीर्थ स्थानों पर स्नान का विशेष महत्त्व होता है।
अलग अलग १२ राशियों पर इसके अलग अलग असर होंगे जो कि निम्नलिखित हैं
- मेष: शरीर कष्ट , चोटभय , रोगकष्ट
- वर्ष: धनहानि एवं परेशानी
- मिथुन: धन एवं सुख लाभ
- कर्क: रोग, कष्ट, चिंता, भय, संघर्ष
- सिंह: संतान सम्बन्धी चिंता
- कन्या: शत्रु व् दुर्घटना भय , खर्च अधिक
- तुला: स्त्री/पति सम्बन्धी कष्ट
- वृश्चिक : रोग, गुप्त चिंता , कार्य विलम्ब
- धनु : खर्च अधिक , भागदौड़ अधिक
- मकर: कार्य सिद्धि , धनलाभ
- कुम्भ: प्रगति , उत्साह एवं पुरुषार्थ वृद्धि
- मीन : धन हानि ,
ग्रहण का मासफल : कार्तिक मास में चंद्रग्रहण होने से समुद्र में उपद्रव एवं भूकंप की आने की संभावना होगी।
ग्रहण का वारफल : मंगलवार के दिन यह ग्रहण होने से दुर्भिक्ष (अकाल) का भय , चोरी चकारी तथा अग्निकांड की अनेक समस्याएं सामने आएगी।
ग्रहण का नक्षत्र : भरनी नक्षत्र में यह ग्रहण घटित होने से चोरी डकैती अपहरण करने वालों , मांस भक्षण , शिकार तथा अनैतिक कर्म करने वालो को पीड़ा होगी।
ग्रहण का योगफल : व्यतीपात योग यह ग्रहण घटित होने से चित्रकारों , रंगकारो , इतिहासकार , लेखकों , कवियों को कष्ट रहेगा।
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