कामिका एकादशी | श्रावण कृष्ण एकादशी
महत्व:
श्रावण कृष्ण एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं। इस दिन शंख, चक्र, गदाधारी विष्णु भगवान का पूजन होता है, जिनके नाम श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव, मधुसूदन हैं।
कामिका एकादशी की कथा भगवान् बृह्मा ने नारद को उनके पूछे जाने पर सुनाई थी और ऐसा माना जाता है जो मनुष्य श्रावण में भगवान का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्यमेव करना चाहिए।
विधि:
सुबह उठने के पश्चात घर की साफ़ सफाई एवं स्नानादि के बाद घर में पवित्र जल से छिड़काव करें। पूजन स्थान में भगवान् विष्णु की मुर्ति की स्थापना करे अथवा स्थापित मूर्ति पर ही षोडशोपचार पूजन करें तत्पश्चात व्रत कथा सुने अथवा कहें एवं आरती करके प्रसाद वितरण करें।विष्णुसहस्रनाम पढ़े और इस दिन तामसिक भोजन का त्याग करें।
सुबह उठने के पश्चात घर की साफ़ सफाई एवं स्नानादि के बाद घर में पवित्र जल से छिड़काव करें। पूजन स्थान में भगवान् विष्णु की मुर्ति की स्थापना करे अथवा स्थापित मूर्ति पर ही षोडशोपचार पूजन करें तत्पश्चात व्रत कथा सुने अथवा कहें एवं आरती करके प्रसाद वितरण करें।विष्णुसहस्रनाम पढ़े और इस दिन तामसिक भोजन का त्याग करें।
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