कथा वाचकों का निंदनीय कार्य

कथा वाचकों का निंदनीय कार्य



कथा वाचकों का निंदनीय कार्य







हमारे सनातन धर्म में आजकल प्रचलित गुरु एवं धर्माचार्य जो कदापि राम कथावाचक या भागवत कथावाचक के तौर पर हिन्दू समाज में एक धीमा जहर घोल रहे हैं और यह धीमा जहर हिन्दू के मन पर वो हल्का सा प्रहार है जिसमे हिन्दू को धर्मपरिवर्तन के लिए कोई जोर जबरदस्ती का सामना नहीं करना पड़ेगा।  

मोरारी बापू : सुप्रसिद्ध राम कथावाचक जो आजकल कथावाचकों में प्रथम स्थान पर हैं। प्रथम स्थान पर इसीलिए भी क्यों की कथाये ही श्री राम की कहते है इसलिए।लेकिन अपने कथावाचन के कार्यक्रम में कुछ ऐसी गतिविधियां करते पाए जाते हैं जिससे यदि आपके घर का बच्चा यदि "अल्लाह हु अकबर कहेगा" तो इनका शिस्य होने के नाते वो "श्री राम" ही जप रहा है।  
बहुत ही पुराने कथावाचक हैं , साधारण लिबास इनकी पहचान है शायद वही इनका प्रसिद्धि चिन्ह है।  


आइये मुख्य मुद्दे पर चलते हैं मोरारी बापू के कुछ ऐसे कर्म उजागर हो रहे हैं जो वाकई बहुत ही निंदनीय हैं।  
1- एक वीडियो देखिये इसमें श्रीराम कथा में करुणानिधान के लक्षण बता रहे हैं तो मुहम्मद और जीसस की गए रहे हैं।महात्मा गाँधी की तरह ही यह मंदिर में कुरान पढ़ रहे हैं। मुहम्मद की सच्चाई बताने के बजाय उसकी करुणा का व्याख्यान कर रहे हैं। इतनी गन्दगी तो एक नेता भी नहीं मचाएगा जितना यह कथावाचक मचा रहा है। राम कथा में ऐसी क्या कमी आन पड़ी जो तुम्हे मुहम्मद के गुणगान रामकथा में गाने पड़ रहे हैं।  


फिर अगले वीडियो में इनकी करतूत देखिये कैसे अपने इस कृत्य को सही साबित कर रहे हैं और उसके गुणगान कर रहे हैं। और कह रहे हैं की मै कथाओ के बीच में हरिबोल बोलते बोलते अलिमौला अलिमौला बोलने लग जाता हूँ। मेरा प्रश्न ये है कि क्यों हर बार सर्वधर्म समभाव के नाम पर मंदिर में ही कुरान क्यों पढ़ना ? आप ऐसे में यह भी बोल सकते थे की मैं जब भी कही अलिमौला की ध्वनि होती है तो मुझे हरिबोल सुनाई देती है। नहीं सेक्युलर की वर्त्तमान परिभाषा और महात्मा गाँधी के पदचिन्हों पर जो चलना है।     
इस वीडियो में जो चर्चा कर रहे हैं की अचानक से अलिमौला गाने लग जाता है नीचे दर्शाये वीडियो में कैसे ये अलिमौला गा रहे हैं और जनता जो वहा श्री राम का भजन करने आयी है कैसे वो अली का भजन गा रही है।  




पहले तो हम और आप ईसाई मिशनरी और इस्लामिक धर्म परिवर्तन कराने वाले संगठनो से ही परेशान थे और लोगो को उनसे बचने की सलाह देते थे लेकिन धर्मपरिवर्तन पर जोरो से काम कर रहे मोरारी बापू से इस भोलीभाली जनता को कैसे बचाया जाए ? 

क्या ये कथा कहने लायक हैं ? क्या इनको देखकर लगता है इनको वेद की एक भी पंक्ति का ज्ञान होगा ? क्या ये धर्म का आचरण करते हैं ? हरकतों से तो लगता है कि केवल इस्लामिक एजेंट हैं जो प्लाट किये हैं।  ज्यादा कुछ नहीं कहना बस इतना कहना है कि हरि अनंत हरि कथा अनंता अर्थात राम तो अनंत हैं ही साथ ही राम कथाये भी अनंत हैं जब अनंत कथा कहने का ठेका ले लिया है तो कहा कमी आ गयी हरिकथा में जो मुहम्मद जीसस के गुणगान गाने पड़ गए और हरिबोल की जगह अलिमौला का उच्चारण करवाना पड़ गया।भक्तो के दिमाग में धीमा जहर घोल रहे हैं और कुछ नहीं।  



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