राम नवमी | चैत्र शुक्ल नवमी

राम नवमी | चैत्र शुक्ल नवमी




राम नवमी | चैत्र शुक्ल नवमी 
(13-14 अप्रैल 2019 )


तिथि आरम्भ : 13 अप्रैल सुबह 11:41 पर 
तिथि समाप्त : 14 अप्रैल सुबह 09:36 पर
रामनवमी विशेष :
राम नवमी व्रत रखने वाले जातक यह व्रत 13 अप्रैल अष्टमी तिथि को ही करेंगे क्यों की नवमी इसी दिन मध्याहन व्यापनी है।  
13 अप्रैल को मध्याहन : 11:07 से 13:40  



महत्व : 


शास्त्रानुसार मर्यादापुरुषोत्तम दशरथ नंदन श्री राम जी आज ही दिन धरती पर आये थे। आज के दिन हर जगह श्री राम के जन्मोत्सव के उपलक्ष में हर्सोल्लास मनाते हैं । सुबह स्नानादि के बाद रामदरवार लगाकर षोडशोपचार पूजन करना चाहिए , तथा मध्याह्न में राम चरित मानस में प्रस्तुत "भय प्रकट कृपाला" आज के दिन अधिकांश भक्त राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करते हैं, तथा विष्णु सहस्रनाम का भी पाठ करते हैं ।

विशेष पूजन में उत्तर दिशा में चार द्वार का मंडप बनाकर पूर्व में हनुमान जी , शंख तथा चक्र दक्षिण द्वार पर गरुण जी धनुष तथा वाण पश्चिम द्वार पर अंगद जी , गदा और खडग तथा उत्तर द्वार पर पदम् , श्री नील तथा स्वस्तिक की स्थापना करते है (चित्र लगाकर पूजित करना भी स्थापना करने का ही रूप है) तथा बीच में बड़ा सर्वतोभद्र चक्र बनाकर रामदरबार लगाया जाता है तत्पश्चात षोडशोपचार पूजन किया जाता है इत्यादि ऊपर दिए पूजा पाठ स्त्रोत इत्यादि किये जाते हैं। उसके बाद मध्याह्न में जन्मोत्सव पूजन करते हैं उसके उपरांत श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण करते हैं।


कुमारी पूजन :  


Image result for kumari pujaआद्यशक्ति पूजन नौ दिन तक का पूजन विधान है परन्तु कुछ लोग अष्टमी को बच्चियों को पूजकर कुमारी पूजन के विधान को संपन्न करते है फिर अष्टमी या नवमी को ही परायण कर लेते हैं।  इस विधान में एक साथ नौ कन्यायो को बिठाते है तथा एक बालक को भी साथ बिठाकर पूजन करते हैं तथा भोजन कराते हैं । एक पत्तल भोजन से गणेश भगवान को भी भोग लगाते है।









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