ऋषि पंचमी | भाद्रपद शुक्ल पंचमी
( 14 सितम्बर 2018 )
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त : सुबह 10:53 से दोपहार 1:20
तिथि आरम्भ : 13 सितम्बर को दोपहर 2:51 पर
तिथि समाप्त : 14 सितम्बर को दोपहर 2:23 पर
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषि पंचमी कहते हैं। यह व्रत जाने- अनजाने में हुए पापों के प्रक्षालन के लिए स्त्री पुरुष दोनों को करना चाहिए। व्रत करने वाले को गंगा नदी या किसी अन्य निकट नदी में स्नान करना चाहिए। यदि नदी में स्नान संभव ना हो पाए तो घर पर ही स्नान के समय नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर नहाये तत्पश्चात गोबर से लीपकर तांबे अथवा मट्टी का जल से भरा कलश रखकर उसपर अष्टदल कमल बनाये। अरुंधति सहित सप्तऋषियों का पूजन करें तथा ब्राह्मण को भोजन कराकर स्वयं भोजन करें। बृह्मा जी द्वारा इस व्रत की महिमा में ऋषिपंचमी को सर्वश्रेष्ठ और सभी पापों का नाश करने वाला व्रत बताया है। इस दिन जो व्रत तथा ऋषिपंचमी व्रत कथा पढ़नी चाहिए।
हमारी संस्था के अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श के लिए मोबाइल नंबर +91-8218433649 पर संपर्क करे।