चैत्र अमावस्या
(17 मार्च 2018 )
चैत्र अमावस्या पर संवत्सर (हिन्दू एक वर्ष ) समाप्त होता है। आज के दिन यदि सोम, गुरु या मंगलवार पड जाये तो इस दिन किये दान का महत्त्व सूर्य ग्रहण में किये दान कर बराबर होता है। इस दिन शनिवार पड़ रहा है और शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं। इस दिन विशेषकर शनिदेव की पूजा अर्चना, दान इत्यादि किये जाते हैं। शनि पूजन शनिवार को सायंकाल करना विशेष फलकारी माना जाता है , लेकिन अमावस के दिन पूरे दिन में कभी बी ही भी शनिपूजन विशेष फलकारी ही माना जाता है।
पूजा विधि:
सुबह स्नानादि के पश्चात मंदिर जाकर भगवान् शिव की आराधना करे , शिवलिंग पर जल दे , तथा पीपल के वृक्ष पर भी जल दे तथा शनि देव का पूजन करे , गुड़ , पान सुपारी , मिश्री इत्यादि का भोग लगाए , तेल का दीपक जलाये , शनिदेव की शिला पर तेल चढ़ाये, और शनि मन्त्र करे।
शनि अमावस्या पर विशेष उपाय :
- ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 1 माला जाप (108 बार) करे।
- तेलाभिषेक करके दीपक जलाये और गुड़ , उड़द , मिश्री इत्यादि का भोग लगाए
- दान में काले जूते , काले कपडे , काला छाता , काली उड़द , लोहा, काले तिल , स्टील का बर्तन , चमटा, लोहे का तवा , तेल इत्यादि का दान कर सकते हैं।
- हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करे ।
- किसी भूखे या गरीब को भोजन कराएं ।
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