गुरु पूर्णिमा | चंद्रग्रहण

गुरु पूर्णिमा | चंद्रग्रहण


गुरु पूर्णिमा (16 जुलाई 2019) 

खगास चंद्रग्रहण (16/17 जुलाई )



तिथि आरम्भ: 15 जुलाई को देर रात्रि 01:49 पर
तिथि समाप्त:
17 जुलाई को जल्दी सुबह 3:08 पर



महत्त्व: 
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं, इस दिन गुरु वंदना का विधान है। यह तिथि अनेक पर्वो , व्रतों वाली है , ऋषि पराशर के पुत्र व्यास का जन्म भी इसी दिन का माना जाता है।ये दिन चारो वेदों की व्याख्या करने वाले प्रथम गुरु वेदव्यास जी को ही समर्पित है। गुरु को देवता तुल्य रखा गया है क्यों कि जैसी भक्ति हमे देवताओ के लिए करनी होती है वैसा ही समर्पण और भक्ति गुरु के लिए आवश्यक होता है तभी हमको ज्ञान रूपी परम सिद्धि प्राप्त होती है। वामन पुराण के अनुसार आज के दिन भगवान शिव सिंह के चर्म पर शयन करते है अतः आज के दिन शिव पूजन के बाद रुद्राभिषेक का भी चलन है। आज से महिलाओं के स्वास्थ्य रक्षा के कोकिला व्रत भी आरम्भ होते हैं। शिष्यों के लिए यह तिथि बहुत ही पावन मानी गयी है।


खगास चंद्रग्रहण (16/17 जुलाई )
ग्रहण आरम्भ : रात्रि 1:31
ग्रहण  मध्य : सुबह 03:01 
ग्रहण समाप्त : सुबह 04:30 
ग्रहण अवधि : 2 घंटे 59 मिनट(पर्वकाल)
परम् ग्रासमान : 0.658  
सूतक : 16 को सायं 4:32 पर प्रारम्भ 

ग्रहण काल मे और बाद में क्या करे और क्या ना करे ?? 
ग्रहण/सूतक से पूर्व दही, अचार, चटनी, इत्यादि लेश्य भोज्य में कुश या तुलसी के पत्ते डाला देने चाहिए। सूखे पदार्थो पर कुश डालने की आवश्यकता नहीं होती है। 

कल्याणकारी कार्य: 
ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में दान, जप , स्नान , मन्त्र, स्त्रोत-पाठ , ध्यान इत्यादि करना कल्याणकारी माना जाता है। जिन लोगो को दान करना है वो अपनी राश्यानुसार किसी विद्वान् से दान हेतु वस्तु जैसे अन्न, जल, सफ़ेद वस्त्र, फल, इत्यादि वस्तुओ का संग्रह करके दान संकल्प ग्रहण तिथि को (16 को )सूर्यास्त के पूर्व ही कर लेना चाहिए।और अगले दिन सुबह स्नान के पश्चात किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए (17 को सुबह ) 

वर्जित कार्य: 
सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ती स्पर्श करना, अनावश्यक खाना पीना, मैथुन इत्यादि वर्जित है। मूत्र-पुरीषोत्सर्ग, नाख़ून काटना इत्यादि वर्जित है।वृद्ध , बालक, गर्भवती महिलाओ का यथानुकूल भोजन, जल इत्यादि ग्रहण करने में कोई दोष नहीं लगता। गर्भवती महिलाओ को इस काल में सब्जी काटना एवं सेकने वाले कार्य से परहेज करना चाहिए। आज के दिन तीर्थ स्थानों पर स्नान का विशेष महत्त्व होता है।

ग्रहण का राशिफल : 
16/17 जुलाई वाला खग्रास चंद्रग्रहण धनु एवं मकर राशि के व्यक्तियों के लिए विशेष कष्टप्रद होगा तथा मीन राशि के जातको के लिए लाभकारी एवं सुखप्रद , शेष राशियों के लिए मिश्रित फल देने वाला होगा।  



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