मोहिनी एकादशी | वैशाख शुक्ल एकादशी

मोहिनी एकादशी | वैशाख शुक्ल एकादशी



मोहिनी एकादशी | वैशाख शुक्ल एकादशी
(15 मई 2019 बुधवार )


तिथि आरम्भ:14 मई दोपहर 1:00 पर
तिथि समाप्त:15 मई सुबह 10:36 पर
पारण समय: 16 मई सुबह 5:34 से 8:15 तक

महत्व :
वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह तिथी सब पापों को हरनेवाली और उत्तम है। इस दिन जो व्रत रहता है उसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोहजाल तथा पातक समूह से छुटकारा पा जाते हैं।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि के दिन ही समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत को देवताओ तथा दैत्यों में वितरण करने के लिए भगवान् विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था और यह मोहिनी रूप के द्वारा असुरो के अपने मोहपाश में फास कर देवताओ को अमृतपान करवाया था इसीलिए इस तिथि को मोहिनी एकादशी भी कहते हैं। इस व्रत को करने से मोह माया से मुक्ति मिलती है और मोक्षमार्ग खुलते हैं। इस व्रत को करने से समस्त दुखो का नाश हो जाता है। त्रेतायुग में माता सीता विरह के में दुखी भगवान् श्री राम तथा द्वापरयुग में युधिस्ठिर ने अपने दुखो से मुक्ति पाने के लिए यह व्रत धारण किया था। इस दिन भगवान् विष्णु के मर्यादा पुरुषोत्तम अवतार रूप श्री राम की पूजा का विधान है।



पूजा विधि: 

सुबह स्नानादि के पश्चात भगवान् राम की प्रतिमा को वस्त्रादि पहनाकर, उच्चासन ग्रहण करके भगवान् राम का पूजन किया जाता है और मीठे फलों का भोग लगाया जाता है। रात्रि में भगवान् के पास ही जमीन पर सोया जाता है ।




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