अपरा एकादशी | अचला एकादशी

अपरा एकादशी | अचला एकादशी

अपरा एकादशी (30 मई 2018,गुरुवार)
ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी | अचला एकादशी 




तिथि आरम्भ : 29 मई को दोपहर 03:21 पर
तिथि समाप्त : 30 मई को दोपहर 04:38 पर
पारण समय : 31 मई को सुबह 5:28 से 8:12

महत्व:
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा या अचला एकादशी नाम से जानते हैं।  इस दिन भगवान् विष्णु के रूप त्रिविक्रम भगवान् एवं भगवान् विष्णु के अवतार वामन की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करने से तीनो पुष्कर में  कार्तिक पूर्णिमा के दिन किये गए स्नान के बराबर फल मिलता है या गंगातट पर किये पिंडदान के बराबर फल मिलता है। शास्त्रानुसार इस एकादशी पर उपवास करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और अपार धन और अपार सुख मिलता है और भूत प्रेत जैसी निकृष्ट योनियों से मुक्ति मिलती है। यदि उपवास ना करे तो विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे। ॐ हरी ।  

विधि: 
सुबह स्नानादि के पश्चात भगवान् विष्णु की प्रतिमा का धूप, दीप, चन्दन,तुलसीदल , कपूर, गंगाजल से पूजन करें एवं फलों का भोग लगाए। व्रत रखने वाले को पूरे दिन परनिंदा, झूठ, छल-कपट से बचना चाहिए। द्वादशी के दिन पारण के समय ब्राह्मण को भोजन कराये एवं दान दे।



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