रमा एकादशी | रम्भा एकादशी

रमा एकादशी | रम्भा एकादशी

रमा एकादशी | रम्भा एकादशी 
(3 एवं 4 नवम्बर 2018)

Related image


तिथि आरम्भ : 3 नवम्बर सुबह 5:11 पर
तिथि समाप्त : 4 नवम्बर सुबह 3:14 पर
स्मार्त पारण का समय : 4 नवम्बर को दोपहर 1:01 से 3:11
वैष्णव पारण समय : 5 नवम्बर को सुबह 6:29 से 8:39

यह एकादशी 3 नवम्बर को अरुणोदय के समय दशमी से विद्धा है अतैव वैष्णव लोग 3 नवम्बर को व्रत ना रखकर 4  नवम्बर को रखेंगे , परन्तु कुछ स्मार्त लोग अरूणोदये दशमीवेध को नहीं मानते इसलिए वो 3 को ही व्रत करेंगे।   

महत्व : 
कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को रमा एवं रम्भा एकादशी के नामो से जाना जाता है।  रमा, लक्ष्मी जी का ही नाम है इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की साथ पूजा की जाती है और भगवान विष्णु को मुख्य रूप से तुलसी की पत्ती चढ़ाई जाती है।यह व्रत सुख समृद्धि देता है और सारे पाप नाश करता है।4 को गोवत्स द्वादशी भी है इस दिन विशेष रूप से गाय एवं बछड़े को पूजने का विधान है।  

विधि : 
इस दिन भगवान् विष्णु एवं लक्ष्मी जी का सम्पूर्ण वस्तुओ से पूजन , नैवेद्य एवं आरती करें , प्रसाद वितरण करे , ब्राह्मण को भोजन कराये तथा दक्षिणा दें।  दिन भर के व्रत के बाद राति में कृष्ण भजन कीर्तन करें।  जो लोग उपवास नहीं रखते वो भी इस दिन सात्विक भोजन ही करें एवं विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।  






हमारी संस्था के अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श के लिए मोबाइल नंबर  +91-8218433649 पर संपर्क करे। 
NEXT ARTICLE Next Post
PREVIOUS ARTICLE Previous Post
NEXT ARTICLE Next Post
PREVIOUS ARTICLE Previous Post