आश्विन (शारदीय )नवरात्र
(10 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2018 )
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।।
घट स्थापना मुहूर्त : नीचे दिए गए इन्ही दो मुहूर्त में दीप पूजन एवं घट स्थापना करें
प्रथम मुहूर्त : सुबह 6:23 से 7:26 तक
द्वितीय मुहूर्त : सुबह 11:51 से 12:39 तक
महत्व एवं पूजन विधि :
आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र आरम्भ होते हैं। सर्व प्रथम सुबह स्नानादि के बाद स्थापना स्थान को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है तथा बैठ कर प्रथम पूज्य गणेश भगवान् की पूजा करते हैं, तथा सभी देवताओ का आवाह्न किया जाता है। कलश पूजन एवं माँ दुर्गा की मूर्ती स्थापना करते हैं तथा रोली ,चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण और सुहाग से माता का श्रृंगार करते हैं तथा हवन कुंड को हवन सामग्री से प्रज्ज्वलित करते हैं एवं मिठाई फल इत्यादि का भोग लगाते हैं और दुर्गा चालीसा तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ आरम्भ करते हैं। व्रत पूर्ण वाले दिन हलवे पूरी का भोग लगाया तथा उसी से अन्नाहार करते हैं। नीचे प्रत्येक दिन किये जाने वाले मन्त्र एवं तिथि बतायी गयी है जिसके अनुसार प्रतिदिन यह विशेष मन्त्र करें।
चतुर्थी तिथि : 12 अक्टूबर
नवमी तिथि : 18 अक्टूबर
प्रथमा एवं द्वितीया तिथि : 10 अक्टूबर
द्वितीया तिथि का क्षय है जिस कारण प्रथमा एवं द्वितीया दोनों ही 10 को हैं।
द्वितीया तिथि का क्षय है जिस कारण प्रथमा एवं द्वितीया दोनों ही 10 को हैं।
प्रथमा तिथि आरम्भ : 09 अक्टूबर सुबह 09:16 पर
प्रथमा तिथि समाप्त : 10 अक्टूबर सुबह 07:26 पर
द्वितीया तिथि आरम्भ : 10 अक्टूबर सुबह 07:26 पर
द्वितीया तिथि समाप्त : 11 अक्टूबर सुबह 06:07 पर
द्वितीया तिथि समाप्त : 11 अक्टूबर सुबह 06:07 पर
तृतीया तिथि आरम्भ : 11 अक्टूबर सुबह 06:07 पर
तृतीया तिथि समाप्त : 12 अक्टूबर सुबह 05:29 पर
चतुर्थी तिथि : 12 अक्टूबर
चतुर्थी तिथि आरम्भ : 12 अक्टूबर सुबह 05:29 पर
चतुर्थी तिथि समाप्त : 13 अक्टूबर सुबह 05:35 पर
पंचमी तिथि : 13 अक्टूबर
पंचमी तिथि आरम्भ : 13 अक्टूबर सुबह 05:35 पर
पंचमी तिथि समाप्त : 14 अक्टूबर सुबह 06:28 पर
षष्ठी तिथि : 14 एवं 15 अक्टूबर
षष्ठी तिथि की वृद्धि है जिस कारण षष्ठी दो दिन रहेगी
षष्ठी तिथि आरम्भ : 14 अक्टूबर सुबह 06:28 पर
षष्ठी तिथि समाप्त : 15 अक्टूबर सुबह 08:05 पर
सप्तमी तिथि : 16 अक्टूबर
सप्तमी तिथि आरम्भ : 15 अक्टूबर सुबह 08:05 पर
सप्तमी तिथि समाप्त : 16 अक्टूबर सुबह 10:17 पर
अष्टमी तिथि : 17 अक्टूबर
अष्टमी तिथि आरम्भ : 16 अक्टूबर सुबह 10:17 पर
अष्टमी तिथि समाप्त : 17 अक्टूबर दोपहर 12:50 पर
अष्टमी तिथि समाप्त : 17 अक्टूबर दोपहर 12:50 पर
नवमी तिथि : 18 अक्टूबर
नवमी तिथि आरम्भ : 17 अक्टूबर दोपहर 12:50 पर
नवमी तिथि समाप्त : 18 अक्टूबर दोपहर 03:29 पर
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