वामन द्वादशी | भाद्रपद शुक्ल द्वादशी
(21 सितम्बर 2018 शुक्रवार )
एकादशी तिथि आरम्भ : 20 सितम्बर रात्रि 1:17 पर
एकादशी तिथि समाप्त : 21 सितम्बर मध्य रात्रि 3:41 पर
इस दिन भगवान् विष्णु, अदिति के गर्भ से वामन अवतार के रूप में प्रकट हुए थे , इसलिए भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को वामन द्वादशी भी कहते हैं। इस दिन स्वर्ण या यज्ञोपवीत से वामन भगवान् की प्रतिमा की स्थापना करके उपवास रखने का विधान है। आज के दिन मध्याहन के समय वामन भगवान् का षोडशोपचार पूजन करके उनकी कथा सुनी जाती है। तथा मिटटी के पात्र में ब्राह्मण को दही चावल या दही च्योड़ा तथा शक्कर का दान किया जाता है। उपवासी जन इस दिन फलाहार करके अगले दिन परायण करते हैं।
भगवान् की पूजा करने का मन्त्र :
देवेश्वराय देवश्य, देव संभूति कारिणे।
प्रभावे सर्वदेवानां वामनाय नमो नमः।।
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